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नभ सुन्दर छवि छाई
ऊषा सजधज आई
बिखरी स्वर्णिम आभा
भानु किरण छाई
बालरवि शोभा सजी
खलबली नभ में मची
नीड़ में कलरव हुआ
चिडिय़ा चहचाई
मन्द पवन झोंकों से
तरु नवल कोंपलों से
झूम रही डाल डाल
शोभा मन भाई
कलिका से रस छलका
पुष्प गंध भर महका
विविध रंग रूप भरी
तितली उड़ आई
#पुष्पा शर्मा
परिचय: श्रीमती पुष्पा शर्मा की जन्म तिथि-२४ जुलाई १९४५ एवं जन्म स्थान-कुचामन सिटी (जिला-नागौर,राजस्थान) है। आपका वर्तमान निवास राजस्थान के शहर-अजमेर में है। शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। कार्यक्षेत्र में आप राजस्थान के शिक्षा विभाग से हिन्दी विषय पढ़ाने वाली सेवानिवृत व्याख्याता हैं। फिलहाल सामाजिक क्षेत्र-अन्ध विद्यालय सहित बधिर विद्यालय आदि से जुड़कर कार्यरत हैं। दोहे,मुक्त पद और सामान्य गद्य आप लिखती हैं। आपकी लेखनशीलता का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है।
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Mon Jun 18 , 2018
रूठकर दूर बैठी हो मुझसे, ख़तायें इश्क में हुई है तुमसे । शिक़ायतें भूल गले लग जाओ, जानेमन एक बार तो मिल जाओ ।। वीरान है दिल का महल सनम, नहीं सजती मोहब्बत की महफ़िल । […]