.भाग्य और मेहनत.

0 0
Read Time1 Minute, 45 Second

jaswant

हाथ की लकीरो के भरोसे ,
सुनो ,कभी तुम मत रहना ।
ये सब कहने की बातें ,
मन में वहम तुम मत रखना ।।

मेहनत का फल मिलेगा जब ,
पसीना परफ्यूम ज्यूँ महकेगा ।
खून-पसीना लगेगा तब ,
भाग्य अपने आप चमकेगा ।।

भाग्य का निर्माण स्वयं करेंगे ,
कोई नही इसे लिखेगा ।
जिंदगी की इन राहो में ,
आसान सफर नही मिलेगा ।

भाग्य के भरोसे रहने वाले ,
कर्म के बीज नही बोते है ।
अरे ,भाग्य तो वो भी लिखते है ,
जिनके हाथ नही होते है ।।

पुश्तैनी दौलत जिनके होती ,
वो घोड़े बेच कर सो जाते है ।
मेहनत की रोटी खाने वाले ,
इतिहास में अमर हो जाते है ।।

भाग्य के भरोसे रहने वाले ,
थोथली उड़ान भरते है ।
चार दिन की चाँदनी होती ,
फिर दर-दर भटकते है ।।

खून पसीने का एक रुपया ,
सोने की मोहर ज्यूँ लगता है ।
किस्मत को चमकाने के लिए ,
इंसान दिन रात जगता है ।।

मेहनत करते जाओ तुम ,
किस्मत दौड़ती हुई आएगी ।
” जसवंत ” तेरी मेहनत जरूर  ,
लोगों में जागरूकता लाएंगी ।।

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .) 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नशे का नशा

Sat Jun 23 , 2018
      दिल पे नशा ये भारी है, सबसे बडी बीमारी है। कुछ पल का नशा सारी उम्र की सजा। फिक्रमंदी बैगर अच्छे-अच्छों को नशे का नशा हो जाता है। नशा चीज ही ऐसी है भाई! फिर क्यों नशे का नशा ना हो। गुमानी में जिधर देखो ऊधर नशा ही है। रसास्वादन […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।