गर्म हवा के थपेड़े पूरे शहर को झुलसा रहे थे,कहीं कहीं बिखरे बचे खुचे पेड़ निस्तेज पड़े थे , शहर के बीचों बीच बह रही नदी उदासी में लिपटी रेंग रही है , मानों नदी के आंसू सिमट आयें हों ,  दूर दूर  छितराये हुये पेड़ो से आती सदायें सुनने […]

“जैसे ही नर्स विभोर को चेक करने आई ,मेरे लिए सुनहरा मौका था ,जिसे मैंने गंवाना उचित भी नहीं समझा और बाहर की तरफ भाग आया ।” अस्पताल परिसर में आते जाते लोगों की निगाहें,जैसे  मुझे  कह रही थी कि इस कायर ,धोखेबाज़,कमीने इंसान को देखो,जो दोस्ती के नाम पर […]

मम्मी! आप नीचे गिर जाएंगी, क्या मैं यह समान आपको उतार कर दे सकती हूँ? पता नहीं अचानक आई आवाज़ से या ऊपर रखे कार्टन को ढंग से न पकड़ पाने की वजह से, मेरा सन्तुलन बिगड़ गया और ऊपर से ही भरभरा कर मैं जमीन पर गिरने ही वाली […]

दिवंगत पुज्यों के प्रति समर्पण, श्रद्धा से करते  श्राद्घ में तर्पण। देह नश्वर आत्मा है अविनाशी, पुनर्जन्म के   हम हैं विश्वासी। श्रद्धा से अर्पित कर पितरों की, सब सदा कृपा चाहा करते। अन्न धन करते दान विविध ,  काकों को भी बुला जिमाते। आत्म शान्ति हित तीर्थों में, होता पितृ […]

हमारी भारतीय संस्कृति के त्यौहार । जुड़े हैं पावन गाथाओं से। रक्षा बंधन के साथ भी बँधा बलि का दान, मान, व्यवहार। वामन बन ,विष्णु ने लिया तीन पाँव धरती का दान। पर नापते समय हुए, त्रिविक्रम। बंधन बलि का, समर्पण शीश का प्रसन्न हो दिया, सुतल का राज्य। वर […]

नभ सुन्दर छवि छाई ऊषा सजधज आई बिखरी स्वर्णिम आभा           भानु किरण छाई बालरवि शोभा सजी खलबली नभ में मची नीड़ में कलरव हुआ         चिडिय़ा चहचाई मन्द पवन झोंकों से तरु  नवल कोंपलों से झूम रही डाल डाल       […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।