बड़ी मीठी लगे सबको हमारी शान है हिंदी !
अनेकों गुण भरे इसमें गुणों की खान है हिंदी !!
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मधुर धारा बहा देती अगर तुम भीगना चाहो !
बजाये सुरमयी सरगम सुरीली तान है हिंदी !!
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सभी का दिल लुभा लेती दया सद्भाव से अपने !
भले हिंदू भले मुस्लिम सभी की जान है हिंदी !!
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महकती फूल सी हरदम चहकती बन सदा बुलबुल !
समर्पित भावनाओं का सुवासित गान है हिंदी !!
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यही अनुरोध करता हूँ लिखो मनभावनी भाषा !
रहो इसकी शरण में सब बढ़ाती मान है हिंदी !!
नाम:-धर्मेन्दर अरोड़ा “मुसाफ़िर”
पिता का नाम:-श्री सोमनाथ अरोड़ा
माता का नाम:-श्रीमती संतोष अरोड़ा
शिक्षा:-बी.कॉम.
जन्मस्थान:-निगाणा
(रोहतक)
सम्प्रति:-अध्यापक,कवि,
शतरंज खिलाड़ी
सम्मान:-साहित्य के क्षेत्र में योगदान हेतु विभिन्न मंचों द्वारा कई बार सम्मानित
प्रकाशन:-अनेक पत्र पत्रिकाओं,वेबसाइटस एवं अख़बारों में रचनाएं प्रकाशित
संपर्क:-पानीपत(हरियाणा)