“मेरी माँ”

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keshav
ओ माँ!मेरी माँ,
प्यारी माँ-न्यारी माँ,
मुझे जीना नही इस जहाँ,
मुझे जीना नहि तेरे बिना,
ओ माँ! मेरी माँ,
प्यारी माँ-न्यारी माँ।
मैं बेटा हूँ तेरा ही माँ,
मेरा कोई नही तेरे बिना,
तू ममता की सागर है माँ,
तू शक्ति की अवतार है,
तू करुणा की भंडार है,
मेरे जीवन की श्रृंगार है,
मेरे जीवन की आधार है,
बिन तेरे सब बेकार है।
ओ माँ-मेरी माँ,
प्यारी माँ-न्यारी माँ।
अपनी अंगुली के आधार से,
तूने चलना सिखाया मुझे,
सिर पर हाथों के स्पर्श से,
तूने जीना सिखाया मुझे,
जब कभी भी मैं रोया ओ माँ,
तूने हँसना सिखाया मुझे,
खुद भूखे भी रहकर ओ माँ,
तूने जी भर खिलाया मुझे,
मेरी हर बात को मानकर,
तूने सबकुछ दिलाया मुझे,
मेरी दुनिया बसाया ओ माँ,
अपनी खुशियों को त्यागकर,
तुमसा दूजा नही इस जहां में,
मेरे जीवन की आधार हो,
ओ माँ-मेरी माँ,
प्यारी माँ-न्यारी माँ।
मेरी पहचान है मेरी माँ,
मेरी भगवान है मेरी माँ,
बिन तेरे कुछ भी नहीं,
मेरी संसार है मेरी माँ,
तुझसे मेरा ये जीवन बना,
तुझसे मेरा ये तन मन बना,
मेरे जीवन की आधार हो,
ओ माँ-मेरी माँ,
प्यारी माँ-न्यारी माँ।।
         #केशव कुमार मिश्रा

 परिचय: युवा कवि केशव के रुप में केशव कुमार मिश्रा बिहार के सिंगिया गोठ(जिला मधुबनी)में रहते हैं। आपका दरभंगा में अस्थाई निवास है। आप पेशे से अधिवक्ता हैं।

matruadmin

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