आज कल के बच्चे सिर्फ चकाचौंध पर ज्यादा ध्यान देते है । वर्तमान समय में सिर्फ एक ही चीज पर लोग ज्यादा ध्यान क्रेंद्रित करते है, और वो है दिखा । एक माध्यम परिवार का बच्चा अपने माता पिता से आये दिन नई नई चीजो को हमेशा मांगता रहता है, […]

विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहाँ सभी धर्मो को मानने वाले लोगों का बसेरा है एवं सभी जातियों व संप्रदायों के अनुयायी यहाँ निवासरत है। भारत देश प्राचीनकाल में ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था क्योंकि यहाँ पर निवासरत समस्त लोगो में एकता और एकजुटता के प्रमुख गुण […]

 पापा मैने आपके लिए हलवा बनाया है 11 साल की बेटी बोली  अपने पिता से बोली जो की अभी ऑफिस से घर में पहुंचे ही थे  पिता – वाह क्या बात है,लाकर खिलाओ फिर पापा को !!  बेटी दौड़ती हुई फिर रसोई में गई और बड़ा कटोरा भरकर हलवा लेकर […]

सम्वेदनाओं का ज्वार यदि कविता का द्वार पा जाए तो उसकी अभिव्यक्ति व्यष्टि से समष्टि की ओर हो जाती है। जब भी मानव मात्र अपने मन के उहापोह ,अंतर्द्वंद ,अचेतन के सन्ताप व अधूरी इच्छाओ को प्रकट नही कर पाता या उनके लिए सुपात्र नही खोज पाता तो उसका सेतु […]

        कोई भी समाज यदि पुरुष प्रधान है तो भी और महिला प्रधान है तो भी, एक दिन उसका पतन हो ही जाएगा। वही समाज आगे बढ़ेगा जो वास्तविक समानता पर आधारित होगा। तब परिवार स्वस्थ संस्थाओं का रूप लेंगे और उज्ज्वल व्यक्तियों के व्यक्ति समाज और […]

वर्तमान समय में यह सच है कि नारी अपनी पूरी शक्ति के साथ चहुँ ओर विकास कर रही है ।आज वह अपने आत्मविश्वास के बल पर समाज में अपनी पहचान बनाने में सक्षम हुई है। नारी को हर परिवार की धुरी माना जाता है फिर भी आज जिधर देखो उधर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।