महिला सशक्तिकरण की पहल अपने ही घर से हो

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वर्तमान समय में यह सच है कि नारी अपनी पूरी शक्ति के साथ चहुँ ओर विकास कर रही है ।आज वह अपने आत्मविश्वास के बल पर समाज में अपनी पहचान बनाने में सक्षम हुई है।
नारी को हर परिवार की धुरी माना जाता है फिर भी आज जिधर देखो उधर नारी सशक्तिकरण की आवाज़ और मुद्दों पर विचार किया जाता है, आवाज उठाई जाती है कि हर क्षेत्र में महिला को और अधिक सशक्त बनाया जाए जिससे कि समाज भी उन्नति करें ।
महिलाओ के अधिकार हेतु सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किये जा रहे है, एवं महिलाएं भी अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही है. परन्तु इस सबके वाबजूद स्थिति विपरीत बनी हुई है, महिलाओ के प्रति अपराधों में लगातार इजाफा हुआ है.
  महिलाओं के साथ जो शोषण,अमानवीय यातनाएं,दुराचार, तेजाब फेंकना अन्य तरह के मामले महिला सशक्तिकरण की दिशा में जो प्रयास किया जा रहे हैं उन पर प्रश्न चिह्न लगाते हैं।
 ऐसे समय में आवश्यकता है कि हम महिला सशक्तिकरण शुरू करने की मुहिम अपने परिवार से करें ।अपने बच्चों को महिला की इज्जत करना शुरु से ही सिखाए। हमें उनको सिखाने के लिए स्वयं आदर्श बनना होगा।  मां ,पत्नी, बहिन, और घर में मौजूद महिला को आदर के साथ बोले। महिलाओं को हम आगे लाएं, बेटियों को पढ़ाए और उदाहरण के रूप में वास्तव में महिला सशक्तिकरण की बात करें हर घर से महिला सशक्तिकरण का उदाहरण मुहिम की तरह हो फिर देखिए सशक्त महिला आप के घर की पहचान बनेगी,घर की शान बनेगी, देश की पहचान बनेगी, और सशक्त देश सामने आएगा।
#रेनू शर्मा*शब्द मुखर*
जयपुर

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।