हम सभी में, कोई न कोई, जानता है, देश की हर भाषा। लेकिन घोर विडम्बना है, कि, हम, आज तक, नहीं जान पाए, अपनी, देह में अवस्थित, उस आत्मा की, ज्ञान-रूपी,भाषा॥ […]
बहादुरगढ़ | `हिन्दी दिवस` के अवसर पर ‘आजादी के ७० वर्ष और हिन्दी की दशा’ विषय पर दिल्ली में विचार गोष्ठी कार्यक्रम किया गया। इसमें करुणेश वर्मा ‘जिज्ञासु’ ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता,प्रमाणिकता और वैज्ञानिकता है अद्वितीय बताया तो स्वयंसेवी संस्था ‘स्नेह’ की दिल्ली प्रदेश संयोजिका ने अपने ओजस्वी शब्दों […]
मैं एक गृहिणी हूँ,और हिन्दी को राष्ट्रभाषा रूप में प्रचारित एंव प्रसारित होने और न हो पाने के कारणों पर मेरा दृष्टिकोण,भाषा अधिकारियों से वैभिन्यता रखता हो,उनकी दृष्टि में उतना तर्कसम्मत और वैज्ञानिक न हो,इसके बावजूद मेरा दृष्टिकोण एक आम भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व अवश्य करता है, ऐसा मेरा मानना […]