हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपने प्रदेश में एक ऐसा काम कर दिखाया है, जिसका अनुकरण देश के सभी हिंदी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को करना चाहिए। उन्होंने आदेश जारी किया है कि हरियाणा का सरकारी कामकाज अब हिंदी में होगा। जो भी अफसर या कर्मचारी अब अंग्रेजी में कोई […]

       राजनीति की डगर बहुत कठिन मानी जाती है लेकिन इस पर चलने वालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। भागदौड़ में राजनेताओं के पुत्र पुत्रियां भी पीछे नहीं है, अच्छी खासी तादात में इनका दखल राजनीति में बढ़ता ही जा रहा है । बावजूद  यहां मामला कुछ उल्टा […]

मन की कोमल व्यथाएँ लबों तक रही, गीत बनते गये, स्वर निखरते गये। हो सका ना मिलन प्रीत में तो कभी, दो किनारे थे हम ,सँग चलते रहे।। भाव मन के मेरे, नैन पढ़ते तेरे, मौन लब थे, नयन किन्तु कहते रहे। मन के प्रश्न मेरे ,चिर प्रतीक्षित रहे, तुम […]

बात उन दिनों की है जब निराला जी लखनऊ में रहते थे । उनकी मानसिक दशा कुछ ठीक न थी। एक दिन किसी डाक्टर के यहां गये अपनी समस्या बतलायी। डाक्टर बोला ठीक है यहां बैठ जाइए और सोचते रहिए कि डाक्टर आया है। हाल चाल पूछ रहा है। दवा […]

सुख दुख जीवन के दो पहिये इनमे एक समान ही रहिये समय एक नही रहने वाला दुख भी तो है जाने वाला धैर्य कभी जो खोता नही जीवन की जंग हारता नही सुख मे अंहकार न आने पाये दुख मे निराशा न होने पाये देन है दोनो प्रालब्ध की ये […]

प्यार नहीं कर सकते हैं तो प्यार के बारे में सोच सकते हैं, साथ-साथ नहीं चल सकते हैं तो साथ के बारे में सोच सकते हैं, उड़ नहीं सकते हैं तो उड़ान के बारे में सोच सकते हैं। तालियां न सुनायी दें तालियों के बारे में जान तो सकते हैं, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।