रोज देखा करता था उसे आते-जाते चार चक्कों की गुड़गुड़ी पर बैठा गंदा-सा मैला-कुचैला रेल्वे की प्लेटफॉर्म पर, आते-जाते राहगीरों को घूरता रहता था…। कभी-कभी अजीब हरकतें करता, राहगीरों का ध्यान पाने के लिए मांगता था वो कभी-कभी कुछ, पेट की आग बुझाने के लिए। प्लेटफॉर्म पर खड़ी रेलगाड़ी, के […]