कहते हैं ना प्यार अपने लिए तो सब चाहते पर जब बात दूसरों की आये तो कीचड़ उछालने से जरा भी नहीं चूकते। शायद ही इस धरती पर ऐसा कोई हो जिसने प्यार न महसूस किया हो। भला इत्र पर भी कोई पर्दा डाल सकता है। इत्र की शीशी रूपी […]

गरीबों से वोट अमीरों को टिकट कहां का न्याय है बता दीजिये…. चुनाव के समय गरीबों घर खाना फिर मुंह न दिखाना कहां का न्याय है बता दीजिए…. आधार के बदले पासपोर्ट क्यों न बांटे यह अधूरी पहचान कहां का न्याय है बता दीजिए…. हर नेता करोड़पति न डिग्री न […]

भारत माता का अभिनंदन चंदन वंदन नंदन है । धन्य धरा, धनवान वही जिसने जाया अभिनंदन है ।। खतरों से खेला  धर्म निभा जीता जाकर  के अरि को है । जय हिंद बोलकर आगे बढ़कर सच्चा सपूत सुरसरि को है ।। गौरवशाली इतिहास अमर गाथा तेरी ही गायेगा । अड़िग […]

        राजीव अपने मज़दूर पिता की उस बात को कभी नही भूलना चाहता जो अक्सर कहा करते थे “महत्वाकांक्षी होने में कोई बुराई नही,ग़लत यह है कि इंसान अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए शार्ट कट रास्ता अपना ले या खुद को ग़लत इरादों,रास्तों पर ढ़केल दे”। […]

घर की चूल्हा-चौकी के साथ बेटियों ने थामा तिरंगा आज हर क्षेत्र में पहिचान बनाकर बेटियों ने लोहा मनवाया अबला शब्द को पीछे छोड़ अंतरिक्ष में पांव जमा डाला कल्पना, प्रतिभा, किरण, लता, सुनीता, सानिया, बबिता बन विश्व में देश का परचम  लहराया शरहद पर पति शहीद हुए तो बेटी […]

मैने बाजार मे अक्सर झूठ के खरीददार देखे है, सच खरीदते बहुत कम कोई वफादार देखे है। धर्म के नाम पर अधर्म का अक्सर प्रचार होता है, धार्मिक स्थलों का नाम बेवजह बदनाम होता है। ईश्वर के नाम पर लूटते झूठे पूजारी लाखो हकदार देखे है, लेकिन सच बोलते बहुत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।