भारत माता का अभिनंदन
चंदन वंदन नंदन है ।
धन्य धरा, धनवान वही
जिसने जाया अभिनंदन है ।।
खतरों से खेला धर्म निभा
जीता जाकर के अरि को है ।
जय हिंद बोलकर आगे बढ़कर
सच्चा सपूत सुरसरि को है ।।
गौरवशाली इतिहास अमर
गाथा तेरी ही गायेगा ।
अड़िग निडर छवि धीरज धर
भारत का लाल कहायेगा ।।
#छाया सक्सेना ‘ प्रभु ‘
परिचय: नाम- छाया सक्सेना ‘ प्रभु ‘
स्थान- रीवा (म.प्र.) , शिक्षा-बी एस सी बी एड, एम ए राजनीति विज्ञान, एम फिल ( नीति शोध ) लेखन विधा- सभी विधाओं पर लेखन, प्रकाशित पुस्तकें- साझा संकलन, उपलब्धि- कई साझा संकलन का सम्पादन, ई पत्रिका की प्रबंध संपादक, साहित्य संगम संस्थान की कोषाध्यक्ष, डाक का पता- जबलपुर(मध्यप्रदेश)