दो जोड़ी कदमों को पास आते देखा तो सड़क के कोने के चबूतरे  पर रखी रोटी और एक सिक्का सावधान हो गए। “देखना, अब ये झगड़ा करेंगे”सिक्के ने कहा तो रोटी ने सहमति व्यक्त की”,हाँ, हो सकता है ।  “बात मेरी हो रही है ,झगड़ा मुझे लेकर होगा,तुम्हे कौन पूछता […]

यह अचानक क्या हुआ? मुझ में ऐसी शक्ति कहां से आई? क्या मुझे भी मकड़ी ने काटा है? काटा है तो कब काटा है ? मुझे कुछ समझ में क्यों नहीं आ रहा है? अगर काटता तो दुकता ना ? लेकिन मैंने दर्द का अनुभव तो कभी नहीं किया। कहीं […]

भारत  की  सच्ची  तस्वीर  दिखाता कौन है सड़को  में  सो  रहे  हैं  लोग बताता कौन है क्या  ऐसे  ही  बदल  रहा  है मेरा हिंदुस्तान गरीबों को मरहम अब लगाने आता कौन है धर्म -जाति के नाम पर इन्हें कौन  बांट रहा सोई  उम्मीदों  की  किरण  जगाता  कौन है लुटेरे वतन  […]

गर्मी दस्तक दे रही,निकट ठंड का अंत, शुक्ल पंचमी माघ की,लाती मधुर बसंत। मनमोहक अनुपम छटा,कोयल की आवाज़, ऋतु वसंत का आगमन,अब भौंरों का साज़। पीली सरसों लुभाती,मन में भरती उमंग, मन मयूरा नाच उठा,अब ऋतुराज के संग। दुल्हन-सी सज गई महि,लगा निखरने रूप, देह को भी भाने लगी,यही सुनहरी […]

निर्भीक और निडरता,जिनकी थी पहचान, उनकी बुद्धि विवेक से,अंग्रेज थे हैरान। आज़ादी में आज़ाद का,था बड़ा योगदान, आज़ादी की जंग के,योद्धा थे महान। आज़ादी की ज्योति को,दिया जिसने जगाय, जागी घर-घर में अलख,बढ़ा मन में उत्साह। डरा नहीं अंग्रेजों से,नहीं झुकाया शीश, आंखें मिलाए मौत से,खून दिया है सींच। अंगद-सा […]

नूतन शुभागमन शुभागमन, हो गया नया वर्ष आगमन। नव वर्ष की नवीन भोर में, चहकती चिड़ियों के शोर में कीजिए सभी नया आचमन, नूतन शुभागमन शुभागमन। भूख गरीबी मंहगाई का, बेकारी में तरुणाई का टूटे कभी ना उनका मन, नूतन शुभागमन शुभागमन। नव वर्ष का नव सोपान है, चाहते सभी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।