बे-बजह की ये फब्तियां अच्छी नहीं लगतीं, दर्द भरी ये सिसकियाँ अच्छी नहीं लगतीं। जरूरत पर ही याद करते हैं जो खुदा को, लोगों की ये खुदगर्जियाँ अच्छी नहीं लगतीं। जाति-धर्म के नाम जो जला देते हैं मकां, उजड़ी हुई ये बस्तियां अच्छी नहीं लगती। नसीब कैसे होगी सुंदर बहू […]