कहीं छुट ना जाय, ज़रा ठहर जाओ, कहां भाग रहे,किस ओर जाना है? सृजन तो यहां है, कलियां मुस्कुराती, कोयल गीत गाती, भौंरा करता गुनगुन, धूप-छांव सुहलाती, तितली है खेलती। तो फूल भाव दिखाते, मिलने को दो-दो मन, आतुर इतराते, सुंगध आम्र बौरों की, मदरसा भर जाती और ये चिड़िया […]