बिगड़ने जो लगे अब रिश्ते,तुम सुनो…, कह रहे हो,तुम्हारी इनायत नहीं…। वायदे कर उन्हें तो,नहीं तोड़ना…, आज बदलें हमीं,कौन सूरत नहीं…। ख़ाब देखे हमीं ने,सुहाने कभी…, लो सुनो,अब किसी से अदावत नहीं…। पेश आए बड़े अदब से,जबकि हम…, कह रहे हो,हमें आज नफ़रत नहीं…। इस जहां से बसो,अब कहीं दूर […]