दग्ध हृदय से विचलित होकर एक ऐसी राग सुनाता हूँ, शहिदों की शहादत को मैं शत् शत् शीश नवाता हूँ| वीरप्रसूता धरा सोनियासर का गुणगान हमेशा गाता हूँ, कलम से अंगार उगलता निज “राही”नाम कहलाता हूँ|| पुलवामा का घाव भरा नही फिर दुष्टों ने उसे कुरेदा हैं, शांतिप्रिय राष्ट्र के […]