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स्वरों से सजी है
व्यंजन भी सभी हैं ,
यह हिंदी हमारी
है प्राणों से प्यारी।
संस्कृत से जन्मी है
उर्दू की बहन है,
मातृभाषा हमारी
है प्राणों से प्यारी।
भावों से प्रवाहित
व्याकरण से प्रकाशित,
राजभाषा हमारी
है प्राणों से प्यारी।
ये है भारत की पहचान
ये है भारत का सम्मान,
हिंदी जननी हमारी
है प्राणों से प्यारी।।
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
- अंजली मिश्रा
सहायक शिक्षिका
प्राथमिक विद्यालय, टिकरा
देवमई फतेहपुर*
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