प्यार दिखाकर गोरी तुमने, मन तरंग झकझोर दिया। बिन डोर उड़ गई पतंग , गिरडा जाने! किस ओर गया।। पीपल पर्ण फुर हुआ जाए, आई समीर वेदवती । बैठ तटिनी सोच रहा, हुई क्यूँ विचलित मेरी मति।। जित देखूं तित छबी तुम्हारी, नैन,चैन निर्मूल हुए । शुक-शुकीनी से आकर्षित, भावभीनी […]

मेरे हर संकट में मिलता , है अविलम्ब सहारा। हे दीनों के नाथ, दीनानाथ तुम्हारा।। नाव करे जब डगमग, मिले न कहीं किनारा। अतुलित छवि हिय में, बसता मुस्कान तुम्हारा।। जब भ्रमित कहीं मन मेरा, पथ दर्शक दिनकर तुम हो। जब व्यथित कहीं मानस हो, शुचि सम्बल प्रभुवर तुम हो।। […]

आज मुझे मॉ की बहुत याद आई मेरे घर बिल्ली अपने बच्चे को दबा लाई, बहुत डराया बहुत भगाया पर ना मानी छुपा आंचल में छोटा सा छौना देख हमें गुर्राई मां तब तुम मुझे बहुत याद आई आंगन के अमरुद पेड़ पर बना नींद चिड़ियों ने रक्खा तिनका तिनका […]

               प्रेम ईश्वरीय सत्ता द्वारा प्रदत्त वह सोपान है जिस पर सृष्टि की नींव खड़ी है भारतीय संस्कृति में इसे सर्वोपरि स्थान दिया गया है इस भावना के वशीकरण से बड़े से बड़ा कार्य आसानी से हल हो जाता है इसका अभाव विध्वंस को न्योता देता है भौतिक सुख साधन […]

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तुम न आए तो सजन लौट गया मधुमास,                                                             टूट गए सपने सारे टूट गई  आसl सूखी तन की डारि-डारि,सूखे मन […]

हैं भारत की शान बेटियाँ, गीता और पुराण बेटियाँ। सागर की लहरों-सी मंजुल- नम्र नमित मुस्कान बेटियाँ। गंगा की लहरों-सी कोमल, मानस की रचना-सी निर्मल। सदा सुमंगल बेला पावन- नित अधरों की गान बेटियाँ। कल्पलता-सी मंगल माया, रहती जिनके आँगन छाया। लक्ष्मी विद्या-सी वरदानी- सद्ज्ञानी शुचिमान बेटियाँ। सीता राधा गार्गी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।