हेमंत श्रीमाल: हिन्दी गीतों की गमक ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ इस लालकिले की पावन माटी कुमकुम की पहचान है ये मेरा हिन्दुस्तान है, ये मेरा हिन्दुस्तान है जिसकी सुबहें चांदी, संध्या केसर की बरसात करे जिसकी रातें इंद्रपुरी के मौसम को भी मात करें चंदन वन का परिचय मिलता […]

रश्मिरथी अतुल ज्वाला : हास्य की इंदौरी परिभाषा ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ गम आँसू खामोशी को शर्मिंदा रखने के लिए, कुछ जगह रखिये हँसीं का परिंदा रखने के लिए । उदासी मत सजाइये चेहरे के गुलदान में, हँसी बहुत जरूरी है खुद को जिंदा रखने के लिए । -अतुल […]

कर जोड़ कर रहा हूँ अरदास यह विधाता। हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।। माँ-सा सुघड़ सलोना संसार में न दूजा। भगवान तुमसे पहले माँ की करूँगा पूजा। माँ ही गुरु है गोविंद सबसे अटूट नाता। हर जन्म में मिलाना मुझसे हमारी माता।। सर्दी में गीले बिस्तर पर खुद […]

विनय शुक्ला आजकल में, किसी पल में वक्त के तुम, क्रूर छल  में निपट जाओगे, निपट जाओगेl बस दो गज जमीं, के जमींदार बनकर सिमट जाओगे, सिमट जाओगे।   #विनय शुक्ला  Post Views: 451

काट दिया सिर वीरों का,फिर से उन सब नापाकों ने। रक्त उतर आया है देखो,फिर से सबकी आँखों में।। ओज़ छोड़ अब मर्म समाया,देखो मेरी बातों में। देश का गौरव क्षीण किया है,बस ऐसे हालातों ने।। कुत्ते की दुम भी हाँ बंधु,सीधी भी हो सकती है। आतंकों में मानवता पर,कभी […]

इश्क तो उस… इश्क़ तो उस ज़माने में हुआ करते थे, जब छतों पर कबूतर उड़ा करते थे.. नज़र भी कभी मिल जाए तो, कयामत तौबा.. दिल के ज़ज़्बात बस दिल ही समझा करते थे… इश्क़ तो उस जमाने में हुआ करते थे…। वो उसका निकलना दामन समेट के, और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।