माँ का आँचल

0 0
Read Time1 Minute, 39 Second
mahendr raghu
माँ तेरे आँचल में वो क्या जादू है,
धूप में छाया ये कैसे देता है।
ठण्ड से जब भी हुआ वेकाबू मैं,
गर्मी ये मखमल-सी कैसे देता है।
जी करता है लिपटकर जानूं तो,
खुशबू ये आँचल की कैसे देता है।
माँ तेरा आँचल है कल्प वृक्ष-सा,
शीतल हवा,वो छाँव कैसे देता है।
रोता हूँ जब भी मैं किसी दर्द में,
आँचल ही आँसू पोंछ कैसे देता है।
                                                                     #महेन्द्रसिंह रघुवंशी    
परिचय : आपको लेखन कार्य-कविताओं से बहुत प्रेम हैl गांव में जन्मे महेन्द्रसिंह रघुवंशी की प्राथमिक शिक्षा गाँव से ही हुई  है,जबकि बीए और एमए छिन्दवाड़ा से किया हैl  हिन्दी लेखन में बचपन से ही रुचि रखने वाले महेन्द्र सिंह के पिताजी भी कविताएं रचते हैंl आपकी कविताओं का आकाशवाणी छिन्दवाड़ा से प्रसारण होता रहता हैl काव्य पाठ में कई प्रथम पुरस्कार भी मिले हैं। २०१५ में कलेक्टर के हाथों भी काब्यपाठ में प्रथम पुरस्कार एबं प्रमाण-पत्र भी पाया है। पिंडरई कलां गाँव के निवासी श्री ठाकुर वर्तमान में छिंदवाड़ा में ही फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स की कंपनी में क्रिस्टल इंचार्ज पद पर कार्यरत हैंl        

 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

सरेआम गौ हत्या पर मौन क्यों ?

Tue Jun 6 , 2017
असुरों की टोली ने फ़िर से, कर डाला है भीषण निनाद.. इस देवभूमि पर दानवदल, फैला बैठा जाला-जिहाद। मानव चेतना अचेत पड़ी, क्या फूट गई हिय की आँखें ? लगता है जैसे खण्ड-खण्ड.. धर्मों की बटी हुईं शाखें। सो गए आज क्या परशुराम, खो गए कहाँ पर मेघश्याम.. धर्मों के […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।