हम बालक नादान मैया,तेरी शरण में आए हैं। दे दो हमको ज्ञान जरा-सा,तुझे रिझाने आए हैं॥ तू करूणा स्वरूपिनि माँ,तू ही ज्ञान की दाता है। छोड़ कहाँ हम जाएं तुझको,तू ही हमारी माता है॥ रिश्ता है ये पावन अपना,तुझे बताने आए हैं… ना कोई मंजिल हमारी,ना राहों का है पता। […]