स्त्री हिचकियाँ की सखी, साथ फेरों का संकल्प, दुःख-सुख की साथी, एकाकीपन खटकता | परछाई नापता सूरज, पहचान वाली आवाजों में, खोजता मुझे दी जाने वाली, तुम्हारी जानी-पहचानी पुकार | आँगन -मोहल्ले में सूनापन, विलाप के स्वर, तस्वीरों में कैद छवि, सदा बहते अश्रु, तेज हो जाते, तुम्हारी पुण्य तिथियों […]