सब धर्मों का देश है भारत सभी धर्मों से करिए प्यार इंसानियत सबसे बड़ी है न मजहब न जात दीवार धर्म अपना मानिए जरूर करिए राष्ट्र का भी सम्मान सब धर्मो से बड़ा है राष्ट्र बड़ा है भारतीय संविधान देश के राजा को चाहिए सब जन माने एक समान दल […]
सदा सकारात्मक सोच रखिए सकारात्मकता के पथ पर चलिए सकारात्मकता से बढ़ती मिठास है समाज के लिए यह वरदान है सकारात्मकता सदराह दिखाती लक्ष्य मंजिल को पास ले आती नहीं तनिक होती हानि इसमें सदगुणों की सारी कहानी इसमें सकारात्मक सोच का करो संकल्प यही है सदजीवन का ठोस प्रकल्प […]
कई बार, हमने मारा है खुद को जब बचपन में मेरा बड़ा भाई अपने बड़प्पन की धौंस जमाकर मेरी इच्छा के विरुद्ध मुझसे काम करवाता था, या फिर मेरा छोटा भाई माँ-पिता का सहारा ले जिद कर,मुझसे- मेरा हक भी छीन ले जाता थाl स्कूल में, उद्दंड लड़के मेरी शराफतों […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।