तुम्हें अच्छी नहीं लगती, पक्षियों की स्वच्छंद उड़ान क्योंकि-तुम, उड़ ही नहीं सकते। तुम्हें भाता नहीं है, पक्षियों का निडर होकर चहकना, क्योंकि-तुम जहाँ गंभीर हो, वहाँ महज़ दिखावा है। तुम्हें पसंद नहीं आता, पक्षियों का कतारवद्ध अनुशासन, क्योंकि-तुम जहाँ पर सख्त़ हो,वहाँ साम्राज्य है तुम्हारे ही अड़ियल स्वभाव का। […]