इस रस्म की शुरुआत बस मेरे बाद कीजिए जिनसे रौशन है हुश्न, उन्हीं को बर्बाद कीजिए गर पूरी होती हो यूँ ही आपके ख़्वाबों की ताबीरें तो खुद को बुलबुल और मुझे सैय्याद कीजिए ये कि क्या हुज़्ज़त है आपके नूर-ए-नज़र होने की दिल की बस्तियाँ लुट जाएँ,और फिर हमें […]

मैं तुम्हारी यादों को अपनी सुबह की कॉफ़ी में खूब देर तलक़ फेटता हूँ अपने सिगरेट के डिब्बे के आखिर सिगरेट के आखिरी कश तक तुम्हें खीचता हूँ अखबार के पहले पन्ने से आखिरी पन्ने के हर्फ़ों के बीच अपनी सुबहों में तुम्हें सींचता हूँ आईने में देखूँ जब भी […]

सोलह श्रंगार करुं,ध्यान बृज का जो धरुं, राधा-कृष्ण रोज मेरी नजरों में आवै हैं॥ गोकुल की गली-गली,में है शोर उसका तो, भक्तों की जुबानों पर,सुबह आ जावै हैं॥ लोग राधा नाम गावै,पाछै श्याम कू मनावै, बाँसुरी की धुन पर भक्तों को नचावै है॥ राधा नाम संग गाओ,तुम भव तर जाओ, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।