पानी-पानी हो गया,पानी पानीदार। पनिया उतार देखि के,फफके पानी धार॥ जल ही जीवन है,सुनो,कहें-सुनें सब लोग। जग निरोग रहे कैसे,जल में है सौ रोग॥ पाप धोवन भुवन चली,बाढ़ हिं बढ़ता पाप। जहर लहर लखि,हे सखी! सिसके गंगा आप॥ गंग उमंग संग बहे,निर्मल सरस तरंग। ‘सावन’ मन पावन करे,बदले जीवन रंग॥ […]