सुंदर काया सौभ्य छवि
ज्ञानवान, वाकपटुता तेजस्वी थी
राजनीति में कुशल थी वो
प्रखर वक्ता ओजस्वी थी
प्यारी सी मधुर मुस्कान थी उनकी
मुखर व्यक्तित्व, सुलझी हुई नारी थी
सादा जीवन उच्च विचार थे उनके
भारत की बेटी संस्कारी थी
भारत माता की सच्ची सेवा कर
देश में किये सदा हितेषी काम
युगों-युगों तक याद रहोगी
जन-जन करते तुम्हें सलाम
देश भक्ति से ओतप्रोत थी
देश-विदेश में कार्य किये महान
ह्र्दय गति रुकने से अकस्मात
छोड़ गईं रोता हुआ जहान
भारत की प्रथम महिला वक्ता थी
मिला उन्हें जग में सम्मान
देश सेवा में पूर्ण समर्पित
भारत में बनाई अपनी पहचान
बुझा सितारा छितिज का
आज चिरनिद्रा में लीन हुई
अलविदा कह गई हम सबसे
अब परमात्मा में विलीन हुई
चाँद की तरह अमर रहोगी सदा
स्वर्ण अक्षर में होगा तुम्हारा नाम
भारत की ओजस्वी वक्ता
सुषमा जी तुम्हें शत-शत प्रणाम।
सुमन अग्रवाल “सागरिका”
आगरा(उत्तरप्रदेश)
नाम :- सुमन अग्रवाल
पिता का नाम :- श्री रामजी लाल सिंघल
माता का नाम :- श्रीमती उर्मिला देवी
शिक्षा :-बी. ए.
व्यवसाय :- हाउस वाइफ
प्रकाशित रचनाएँ :-
प्रकाशित रचनाओं का विवरण :-
1.अग्रवंश दर्पण :-“नारी सुरक्षा चूंक कहाँ “, “महिला सशक्तिकरण “, “500-1000 के नोट बाय-बाय”, “दहेज प्रथा”, “अग्रप्रर्वतक महाराज अग्रसेन जी पर कविता” इत्यादि।
2.हिचकी :- “ये होली का त्यौहार”
3.D.L.A :- “आतंकवाद”, “बालदिवस”, “करवा चौथ”, आतंक का साया, “नववर्ष मुबारक”, “राष्ट्रप्रेमी” इत्यादि।
4.नारी शक्ति सागर :- “ग़ज़ल”
- वर्तमान अंकुर नोएडा :- “घर-परिवार, नारी शक्ति, भारतीय लोकतंत्र
साहित्य एक्सप्रेस में – नव संवत्सर
6.सहित्यापीडिया :- माँ