पानीपत| जैमिनी अकादमी पानीपत हरियाणा द्वारा आयोजित 24 वीं अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता 2018 में ख्यातिलब्ध साहित्यकार संपादक व शिक्षक शशांक मिश्र भारती को उनकी लघुकथा निरुत्तर के लिए सांत्वना पुरस्कार मिला है।अकादमी के निदेशक डा0 वीजेन्द्र कुमार जैमिनी के अनुसार दिनांक 25@11@2018 को आयोजन के बाद सम्मान पत्र पुरस्कार […]

शिक्षक-दिवसविशेष…………….. आलोक-स्तंभ तुम, गुरु महान, तुमको प्रणाम,कोटि प्रणाम।। प्राप्य तुम्हें,प्रभु सेअमिट वरदान, अनगढ़ माटी को गढ़ते, दे ज्ञान क्षुधातुर मेधा हो जब हकलान, कराते तुम निरंतर अमृतपान। तुमको प्रणाम, कोटि प्रणाम।। छा जाते हो बन अरूण तिग्म, तिमिरमय  हमारे  जीवन  में. सौरभ -सा  रच -बस गए हो, युग-युग से हमारे […]

पंखुड़ियों सी कोमल होती हैं -बेटियां धरती पर पाक अवतार होती है -बेटियां मासूम सा प्यार होती है- बेटियां ठंडी हवाएं सा सुकून देती है-बेटियां  ओस सी पावन है -बेटियां इंद्रधनुषी रंगों की बौछार है- बेटियां घर का अभिमान है-बेटियां भोली सी मुस्कुराहट है-बेटियां मृदुहास  बाटती हैं -बेटियां मुस्कुराकर पीड़ा […]

चौड़ी छाती वालों का, यूँ एक राजनीतिक साल गया। मातृभूमि की सेवा में, फिर एक बेटे का भाल गया॥ वह कोई नहीं तुम्हारा था, बस माँ की आँखों का तारा था। पर अपने छोटे बच्चों का, वह केवल एक सहारा था। यूँ कई बार लड़ते-लड़ते, वह मृत्यु को टाल गया। […]

मेरी राय में धर्म एक जीवन दृष्टि है। सभी प्राणियों से श्रेष्ठतर संवेदनशील मानव की। अपने सर्वोत्तम की खोज उसे पाने का प्रयत्न एवं आत्म साक्षात्कार के रूप में उस परम शक्ति की अनुभूति यही है धर्म का ध्येय। मानव मन की विभिन्न रुचियों के अनुसार कई मत-मतान्तर प्रचलित है। विभिन्न नदियों का मार्ग अलग […]

कैसे करें भरोसा किस पर करें यकीं। खुदगर्ज है जमाना खुदगर्ज है जमीं॥ प्यार की आशा छोड़ दे, न कर कभी यकीं। यहाँ झूठी आस है और प्यार की है कमी॥ होंठो पर हँसी है,आंखों पर है नमी। बाहर से वो है इंसान,पर अंदर से नहीं॥ पग-पग तो है धोखा,जज्बात […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।