दास्ताँ दर्दे दिल की सुनाते रहे। वो हमें देखकर मुस्कराते रहे। टूटकर के बिखरने से क्या फायदा। ये गलत है उन्हें हम सिखाते रहे। जब कभी देखा गम़गीन मैंने उन्हें। आँख में अश्क अपने छुपाते रहे। हम शिकायत करें भी तो किससे करें। जब खुदा खुद […]
रंग बहारों के चलो लाएं हम, पुरानी दुनिया फिर से बसाएं छोड़कर सारे फेसबुक दोस्त, आओ लौट चलें अपनी दुनिया में l सच्चे मन के भाव को, दिल को दिल से बाँधकर व्हाट्सअप को त्याग कर, आओ लौट चलें अपनी दुनिया में l झूठे शब्दों का बहिष्कार कर, […]
मैं केवल कोशिश करता हूँ धर्म मार्ग पर चलने की, मैं केवल कोशिश करता हूँ दुखियों के दुःख हरने की। मेरी कोशिश सदा यही कि, मुझसे सकल जहां हँसे, मैं केवल कोशिश करता हूँ रवि की भांति विचरने की ll मैं केवल कोशिश करता हूँ नित्य नया कुछ कर […]
रक्षाबंधन पर्व मुबारक हो भ्राता तुमको॥ भातृ-भगिनी का प्रेम पगा रिश्ता जग से न्यारा॥ थाली में सजी रोली अक्षत राखी मधु मिठाई॥ आशीष यही मस्तक पर रोली सजे हमेशा॥ रक्षा तुम्हारी सदा करे ये डोरी यही कामना॥ नभ से ऊँचा सिंधु से गहरा ये बंधन होगा॥ […]
चले थे..साथ हम… नन्हें-नन्हें से क़दम। साथ ही खुशियाँ भी, निच्छ्ल था तन-मन.. वह निराला था बचपन॥ समय में ऐसे आँजे, चूर हुए सपने साँझे। बड़ा हुआ कद साया, अहं आकर टकराया। अंतर्मन को उलझाया, राहें विषम..समझाया॥ छतरी अपनी अलग हुई, भिगो भीतर मलिन हुई। कीचड़-सी बरसात हुई, सुथरी तस्वीर […]
मैं अपनी क्या औकात बताऊँ, जेब को कर दी ढीली मैं क्या अपनी पहचान बताऊँ, छौंका लगाकर जला दिया मेरे गोल-मटोल अंगों को, एक ही झटके में रुला दियाl मैं क्या अपनी पहचान बताऊँ, लाल चुनर पहन कर बैठी ठाठ जमाकर बाजार में, है हिम्मत तो छूकर देखो कर दूंगी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।