मंत्र णमोकार जब से, मैंने भजा / यूं लगा मेरा जीवन सफल हो गया / आस्था मेरी मंत्र में बड़ाने लगी / और विशवास मेरा अटल हो गया / मंत्र णमोकार जब से मैंने भजा / मै गया विद्यासागर के सत संघ में / मेरा तन मन रंग उनके ही […]

इंटरनेट की इस दुनिया ने पाठकों की पहुँच और पठन की आदत दोनों ही बदल दी है, इसी के चलते प्रकाशन और लेखकों का नज़रिया भी बदलने लगा है। भारत में लगभग हर अच्छे-बुरे का आंकलन उसके सोशल मीडिया / इंटरनेट पर उपस्थिति के रिपोर्टकार्ड के चश्में से देखकर तय […]

(तर्ज पल पल पल के… पास तुम रहती हो ) जय जय जय जय गुरु देव , मुझे दर्शन दो / अपनी सराण में तुम, मुझ को ले लो / जय जय जय जय गुरु देव , मुझे दर्शन दो // कल रात सपने में,  मैंने तुम को देखा था […]

भारतीय राजनीती के एक युग का अंत…. जो जिया हो भारत भारती के लिए, जिसने ताउम्र केवल राष्ट्र जिया, कविता के शब्दों से संसद के गर्भगृह को सुशोभित किया हो, पोखरण परमाणु परिक्षण से विश्व को भारत की शक्ति का आभास कराया, कारगिल युद्ध से पाकिस्तान को औकात दिखाई हो, […]

श्रध्दा भक्ति विनय समर्पण, का इतना फल हो / मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे, कर कमलो से हो / -जन्म जन्म से भाव संजोये, दीक्षा पायेगे / नग्न दिगंबर साधू बनकर, ध्यान लगायेंगे / अनुकम्पा का बरदहस्त यह, मेरे शिर धर दो /१/  मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे, कर कमलो से हो […]

छू लेने दो गुरुवर अपने चरण, माना की में आज्ञानी हूँ / आप तो अंतर्यामी हो , इसी लिए तो आया शरण / छू लेने दो गुरुवर अपने चरण, माना की में आज्ञानी हूँ / मोह माया ने हम को पकड़ा है, और अपनों के प्यार ने जकड़ा है / […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।