रहें सलामत सबके भैया,सबको दुआ हजार। सजे कलाई हाथ सभी के राखी के त्यौहार॥ अमर भाई-बहना का प्यार…। धूप दीप रोली चंदन की थाली लिए खड़ी बहना। बाँधेगी निज प्यार कलाई छोटी और बड़ी बहना॥ एक अनोखे बँधन का है, यह पावन त्यौहार… अमर भाई-बहना का प्यार…॥ रेशे-रेशे में धागे […]
satish
आँगन-आँगन उग रहे,भौतिकता के झाड़। संस्कारों की तुलसियाँ,फेंकी गई उख़ाड़॥ मन में जब पलने लगें,ईर्ष्या द्वेष विकार। तब निश्चित ही जानिए,नैतिकता की हार॥ जिनका जीवन मंत्र है,कर्म और पुरुषार्थ। वे जन ही समझे सदा,धर्मों का भावार्थ॥ जिनके मन पैदा हुआ,वैचारिक भटकाव। डूबी है उनकी सदा,भवसागर में नाव॥ कर्म भूल जब-जब […]