वो सीने से लगकर यूँ रो दिए जितने भी पाप थे,सारे धो दिए छूके अपनी जादुई निगाहों से जवानी के कितने वसंत बो दिए हर पल हीरा हर पल जवाहरात अपनी ज़िंदगी के पल उसने जो दिए साँसों के महीन धागे में चुन चुनकर तासीर के बेशकीमती मोती पिरो दिए […]

मेरी बातों पे गौर कीजिए जरा समझिए,फिर दाद दीजिए जरा कब तक यूँ दूसरों पे हँसा करेंगे कोई लतीफा खुद पे भी लीजिए जरा क्या करेंगे पाकर बेमानी दौलत चाँद पाइए और फिर खीजिए जरा खुशी का मतलब पता तब चले गमों के आँसू जब पीजिए जरा इंसानियत क्या है,समझ […]

  हर रोज़ ही कोई नई खता चाहिए इस दिल  को दर्द का पता चाहिए कब तक होगा झूठा खैर मकदम मुझे अब बेरुख़ी का अता* चाहिए अच्छे लगते ही नहीं सूनी मंज़िलें काँटों  से  ही भरा  रास्ता चाहिए मेरा इश्क़ सबसे निभ नहीं पाएगा सो हमनबा भी कोई सस्ता […]

एक मात्र शाश्वत सत्य यही, शिव के त्रिनेत्र का रहस्य यही, चंडी का नैसर्गिक रौद्र नृत्य यही, कृष्णा सा श्यामला, राधा सा शस्य यही। तो क्यों न मीरा सा इसका भी विषपान किया जाए। ये अनादि है, ये अनंत है, ये गजानन का त्रिशूली दंत है, यही है गोचर, यही अगोचर, यही तीनों […]

 भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने भी बार बार कहा है कि कहा कि देश में नौकरियों की भारी किल्लत है और सरकार इस पर सही से ध्यान नहीं दे रही है। रघुराम राजन ने यह भी स्पष्ट किया है कि  जीएसटी और […]

जीना मुश्किल,मरना आसान हो गया हर दूसरा घर कोई श्मशान हो गया माँ कहीं,बाप कहीं,बेटा कहीं,बेटी कहीं एक ही घर में सब अन्जान हो गया शहरों में नौकरियाँ खूब बिका करती हैं इस अफवाह में गाँव मेरा वीरान हो गया मन्दिर की घंटियाँ वो मस्जिद की अजानें दोगले सियासतदानों की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।