हक़ आम आदमी का जब भी मारा जाएगा। तख़्त से फिर तो आपको भी उतारा जाएगा। लूट लोगे आप अगर राहों में रोशनी हमारी, काफ़िला मशालें जलाकर गुज़ारा जाएगा। सोच लें एक बार फिर से हमसे लड़ने वाले, हम तो हैं ख़ाली हाथ,क्या हमारा जाएगा। लगेंगी बंदिशें जब-जब हमारी ज़बानों […]