विद्यासागर जी की राह निहार के। मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में / सब की अँखियों के नूर, सब के दिलो के सुरूर / चाहे रहो कितनी दूर,लाना है मुंबई में ज़रूर // विद्यासागर जी की राह निहार के। मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में / […]
धर्मदर्शन
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