सुन पाक सभी नापाक तेरे मंसूबों को हम तोड़ेंगे, तन के तेरे अन्दर के लहू का कतरा-कतरा हम सारा निचोड़ेंगे, तू भूल गया जाने कितने भारत ने तुझ पर एहसान किये, कुत्तो वाली इस हरकत से हर कितने तूने कितने प्राण लिये, हम हिन्दुस्तानी अब तक तुझको देते जीवनदान रहें, तेरे […]

बड़ी ही  खूबसूरत नजर आती हो तुम, सच में जब नजरें झुका कर शर्माती हो तुम, लगता है जैसे एक पल के लिये ये जहाँ भी रुक जाता हैं, जब जुल्फें बिखेर के चेहरे पे मुस्कुराती हो तुम, चाँद और सूरज भी तम्हें देखने के लिये बेताब रहते हैं, मोहतरमा […]

बच्चा अपने जन्म के बाद जब बोलना सीखता है तो सबसे पहले जो शब्द वह बोलता है वह होता है ‘माँ’। स्त्री माँ के रूप में बच्चे की गुरु है। बच्चे के मुख से निकला हुआ यह एक शब्द मात्र शब्द नहीं उस माता द्वारा नौ महीने बच्चे को अपनी […]

नींद ही नही आती अब मुझे,चैन भी नही आता अब, तेरे खयालों में बेतहाशा खोया रहता हूँ मैं अब, सोया नही मैं हप्ते भर से, नींद ही नही आती देखा है तुझे जब से, सच कहूँ अब कितना बदल सा गया हूँ  मैं, बेहद सख्त था पहले अब पिघल सा […]

भारत माँ के वीर सपूत आजादी के थे रखवाले, हिंदुस्तान की अमर कहानी की गाथा थे लिखने वाले, हिन्द की वो शान थे, हिन्दुस्तान का अभिमान थे, देश की आजादी की खातिर, हो गये कुर्बान थे, भारत माँ की आन पे ना आँच कभी आने दी, काट दिये कर शत्रुओं […]

याद है क्या अभी भी तुमको, वो पहली मुलाकात, जब टकराये थे हम दोनों इत्तेफाक से उस रात, याद है क्या अभी भी तुमको,पहली दफा जब भीगें थे साथ-साथ, वह बिजली की चमक,तेेेज गड़गड़ाहट और मद्धम सी बरसात, याद है क्या अभी भी तुमको,जब पहली बार थामा था मेरा हाथ, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।