चमन के फूल हम सारे, हमारा देश न्यारा है। हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है॥ हिमालय की बुलंदी से, यही आवाज है आती। बचा लो हिन्द के वीरों, वतन के आन की थाती॥ लुटाया लाल माँओं ने, दुल्हन पति को बहन भाई। बहुत कुर्बानियाँ लेकर, ये आजादी – […]

भारत में रहते हो फिर क्यों, कहते हो डर लगता है । शायद चोर तुम्हारे मन का, अब तक लगता जगता है॥ हिन्दू का है देश इसी से, हिन्दुस्तान कहाता है। धर्म-द्वेष का भाव तजो सब, हिन्दू धर्म सिखाता है॥ मूर्त अमूर्त सभी पूजन विधि, इसमें पाई जाती हैं। इसीलिए […]

एक कौआ जो अति उदास था, खुद को कोसा करता था। मैं कुरूप आवाज कर्कशा, सबसे वो लड़ता था। एक दिन वह बोला कोयल से, सभी चाहते तुमको। रूप नहीं पर स्वर है अच्छा, सभी भगाते मुझको। बोली कोयल मुझसे खुश तो, तोता ही को जानो। रूप रंग स्वर से […]

जीवन के क्षण,कभी हर्षित कभी बोझिल, कभी तेज उजाला, कभी तारों की झिलमिल। कभी खुशियों का खजाना, कभी ग़म में गाफिल, कभी हर ओर सन्नाटा, कभी शोरगुल शामिल। कभी अभाव,तंगहाली, कभी हासिल ही हासिल, कभी हर ओर अपने, कभी लगते सभी कातिल। कभी शाम-ए-तन्हाई, कभी शाम-ए- महफिल, कभी हर दिल […]

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छोटा-सा ये निर्बल धागा,  न जाने कितने रिश्तों को बचाता है। कभी ले रूप राखी का, भाई को उनके कर्तव्य की याद दिलाता हैl कभी ले रूप मंगलसूत्र का, पति-पत्नी के पवित्र बंधन को दर्शाता है। छोटा-सा ये निर्बल धागा…ll कभी बनकर दोस्त ये, दोस्ती का वचन निभाता है। कभी यज्ञ […]

मनहरण घनाक्षरी छंद…… पक्षियों को दाना-पानी,हम न खिलाएंगे तो , दाना-पानी कौन भला उनको खिलाएगा। यूं तो कई लीटर, पानी को बहाते हम, चुल्लू भर पानी इन्हें जीवन दिलाएगा। दो मुट्ठी गेहूं के दाने, इनको खिलाएंगे तो, क्या हमारे भंडारे में, बोलो फर्क आएगा। आपके भरोसे द्वारे-द्वारे वो भटकते हैं, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।