अधिक इच्छाये करना नही तनाव का कारण बनना नही जो इच्छाओ पर लगाम लगाये वही महान संत कहलाये इच्छाओ को कभी बढ़ने न दो महत्वकांक्षी स्वयं को होने न दो इच्छा ही तो पथभृष्ट बनाती है अपनो को भी गैर बनाती है लक्ष्य अगर हो सद उन्नति का स्वयं की […]

जीवन की चिंता किसे है अभी तो कुंभ चल रहा है यह भी सब जानते है , कही चुनाव चल रहा है सवाल न उठाओ उनसे वे अवसर के बादशाह हैं उन पर फ़र्क नही पड़ता कोरोना में कौन मर रहा है मरने पर मोक्ष मिलेगा सबको क्योंकि अभी कुंभ […]

विकार बढ़ गए सब तरफ़ रिश्ते हो गए सब तार तार अंग प्रदर्शन की होड़ लगी खो गए है अदब लिहाज बड़े छोटे का सम्मान नही बाप बेटे मे भी प्यार नही बहनो की लाज संकट मे माँ तक से रहा दुलार नही घोर कलियुग का दौर है रहा किसी […]

कुंभ के शाही स्नान का आज हो गया आगाज़ हरिद्वार सज गया ऐसे जैसे सतयुग हो साक्षात हरकी पौड़ी पर संत ही कर सकेंगे पूण्य स्नान आमजन को वर्जित है हरकी पौड़ी पावन स्नान मीलों पैदल चल रहे है कुंभ में आए श्रद्धालु भीषण गर्मी में बेहाल है नही मिल […]

चुनाव के समय नही कुंभ के समय आता है कोरोना नेताओं को नही श्रद्धालुओं को डराता है कोरोना कुंभ के लिए निगेटिव होना जरूरी है पोजेटिव को ही खाता है कोरोना दिन में कही घूमो नही मिलता कोरोना रात में कर्फ़्यू लगाया ताकि न आए कोरोना।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 228

‘सुन-ए-मगरूर तकब्बुर नहीं अच्छा होता क्योंकि हर वक्त मुकद्दर नहीं अच्छा होता’इस पंक्ति के रचनाकार है पंडित प्रेमचंद सन्ड ,जो रुड़की के पहले ज्ञात साहित्यकार माने जाते है।उनके बाद पंडित कीर्ति प्रसाद शुक्ल ने लिखा,’परेशानियां जो न होती जहां में ,किसी से खुदा की इबादत न होती’,रुड़की के केंद्रीय भवन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।