अनमोल बड़ा है ये बंधन, पावन रिश्ता रक्षाबंधन। उमड़-उमड़ के मन है जाता, जब-जब रक्षाबंधन आता। मन नेह दीप तब जल उठते, यादों में तेरी जब घिरते। भाई के मस्तक का चन्दन… पावन रिश्ता रक्षाबंधन…….ll माना हम खूब लड़ा करते, आंखों से भी मोती झरते। पल में यूँ रूठ […]
agrawal
प्रेमचन्द अग्रवाल यूको बैंक से सहायक महाप्रबंधक के पद से सेवा निवृत्त हैं,जहाँ ये राजभाषा अधिकारी के रूप में हिन्दी कार्यान्वयन से जुड़े रहे। अम्बाला शहर व अम्बाला छावनी क्षेत्र के महाविद्यालयों और उच्च विद्यालयों में भी हिन्दी सम्बन्धी कार्य करते रहे हैं। इन्होंने हर विषय के प्राध्यापक को हिन्दी के […]