मित्र वही जो देख कभी भी,          आँखें नहीं चुराता है। मित्र वही जो कथनी-करनी,          एक रंग दिखलाता है॥ मित्र वही जो पड़े मुसीबत,         आगे हाथ बढ़ाता है। मित्र वही जो स्नेह का बंधन,         सबसे […]

अदालत के बाहर पुलिस से घिरा शाजिद मौन धारण किए खड़ा था,जैसे उसे मृत्यु बोध का आभास हो। बाहर निकलते ही इरफान साहब को देखते शाजिद चिल्ला उठा-अब्बू आपने ये ठीक नहीं किया।इरफान साहब रुके और शाजिद के पास जाकर-क्या अभी भी तुझे ऐसा लग रहा है कि मैंने ठीक […]

(संदर्भ-9 दिसम्बर जन्म दिवस) दूसरे सप्तक के कवियों में प्रमुख नाम रघुवीर सहाय का आता है। हिंदी के विलक्षण कवि,लेखक,पत्रकार, सम्पादक,अनुवाक,कथाकार,आलोचक रघुवीर सहाय का जन्म ९ दिसम्बर १९२९ को लखनऊ(उत्तर प्रदेश) में हुआ था। इन्होंने १९५१ में अंगेजी साहित्य में स्नातकोत्तर किया। १९६४ से साहित्य सृजन करना प्रारंभ किया। इनका विवाह […]

       डूबती हुई सूरज की किरणों के साथ विदा हुई एक और साल की वनवास यात्रा, विदा हुई तारीखों की नदियॉ और कैलेण्डर का आखिरी महीना, जो किसी पक्षी की तरह पंख फड़फड़ा रहा है। बीत गई लम्बी वनवास की यात्रा, प्रासंगिक प्रशनों को छोड़ गई एक और […]

शब्दों के चक्रव्यूह में कभी खुद ही उलझ-सा जाता हूँ। कहना चाहूँ क्या-क्या,लेकिन क्या-क्या मैं कह जाता हूँ॥ सुनकर ही,उस पर ही चलना आदत को मंजूर नहीं। रुककर थोड़ा मनन न कर सकूँ,ऐसा तो मजबूर नहीं॥ सीधी-साधी बातों में ही कितना कुछ मैं पा जाता हूँ। शब्दों के चक्रव्यूह में […]

उस लड़की को देखकर, उम्मीद नहीं बनती उम्मीदों की याद,                     हो जाती है। वह सुबह से शाम तक पुराने अशोक के नीचे बैठती, वह प्रतीक्षा है बीमार उदारता की, उस लड़की की। उस लड़की की क़ोख में बिस्तर से बच्चे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।