आए वतन पे खतरा वो जान भी लगा दो, ये मुल्क के जवानों जंग का ज़ूनून भर लो। इसी जंग के कोने में कहीं जन्नत नजर आएगी, जंग आ ही जाए सर पे तो जुल्म भी तू कर ले। आजाद मुल्क है तो आजाद हम रहेंगे, कुर्बानियों की खातिर,कफन […]
जनता की अभिलाषा का सम्मान तू। देश में सबसे ऊपर है संविधान तू॥ भारत की छवि तुझमे हमको दिखती है। देश को तुझसे ही गरिमा मिलती है॥ जय हो तेरी भारत का अभिमान तू। देश में सबसे ऊपर है…॥ गणतन्त्र बनाकर तूने जो उपकार किया। सब जन को कर्तव्य […]
इंसानियत पे जुल्म का ये परस्तार कौन है, लुट रही मासूम बच्चियां,गुनहगार कौन है। है दिले दिलगीर उनकी मनः शक्ति क्षीण है, दरमियां क्यों मियान के तलवार अब भी मौन है। कैसे करे तदबीर जो मासूम-सी बेटी है वो, लुट गई अस्मत ‘शिवम्’ अशजार में ये कौन है। आज फिर […]
एक उमर गुज़ारी है उसने, एक वक़्त-सा है बीता वो। कतरा-कतरा मोम हुआ, ऐसे लम्हा-लम्हा जीता वो॥ बारिश में भीगा करता है, पूस में पूरा ठिठुरा वो। गर्मी की लू में जला किया, ऐसे लम्हा-लम्हा जीता वो॥ भूखा भी सो जाता है, कर्ज़े में पूरा डूबा वो। गाली थप्पड़ है […]
जीवन में मुझे कुछ शब्दों से काफी नारजगी मिली,जो कभी पूरा हुआ ही नहीं,भले उसे किसी तरह उपयोग किया जाए। अगर हुआ भी तो सिर्फ भाग्यवालों का ही। जैसे-रिश्ता,ज़िसमें कभी-न-कभी मनमुटाव आ ही जाता है। कैसा भी रिश्ता हो-माँ से बेटे का,पिता से बेटे का, चाचा से भतीजा से,भाई से […]
ठिठुरन-सी लगे सुबह के हल्के रंग-रंग में। जकड़न भी जैसे लगे देह के अंग-अंग में॥ उड़ती-सी लगे धड़कन आज तो आकाश में। डोर भी है हाथ में,हवा भी है आज साथ में॥ पर कागजी तितली लगी सहमी-सी,l उड़ने की शुरुआत में॥ फैलाए नाजुक पंख,थामा डोर का छोर। हाथ का हुआ […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।