पंथ आज देश शान,मानवी प्रकाशमान। विकास गाँव गाँव में, सड़क से जानिये। आने जाने वाले दुख, चाहते वाहन सुख। मिलता सहारे जिसे, सड़क ही मानिये। बाम चाल देख भाल, देख चिह्न संकेतक, कागजात साथ रख, नियमों को पालिये। हेलमेट सिर धर ,दुपहिया चलाना है। सीट बेल्ट कार वाले, जन पहचानिये। […]

1💫💫💫💫💫 हिन्दी भारत देश में, भाषा मातृ समान। सुन्दर भाषा सुघड़ लिपि,देव नागरी मान।। 2💫💫💫💫💫 आदि संस्कृत मात है,निज भाषा की जान। अंग्रेजी सौतन बनी , अंतरमन पहचान।। 3💫💫💫💫💫 हिन्दी की बेटी बनी, प्रादेशिक अरमान। बेटी की बेटी बहुत, जान सके तो जान।। 4💫💫💫💫💫 हिन्दी में बिन्दी सजे, बात अमोलक […]

चार चरण, २,२ चरण समतुकांत . सगण सगण सगण गुरु, . (१०वर्ण) . ११२ ११२ ११२ २ . 👀👀 . चाहत धरती अपनी जननी है। शशि से उजली रजनी है। सविता तम को हरता है। रचना जग की करता है। रखती सबसे अपनापा। सहती जग के भव तापा। अपनी जननी […]

भाव सुरक्षा चाहती, बहिना रहे अधीर। बदले गुरु आशीष दे, रहे सलामत बीर।। (बीर~भाई) त्याग मान मनुहार सें, सदा निभाती नेह। पीहर मय ससुराल में, बहिना देह विदेह।। एक बेस ले भेंट में, लख लख दे आशीष। ऐसी होती है बहिन, नमन इन्हे नतशीश।। (बेस~ पर्व या किसी भी अवसर […]

भारत मेरा हो सदा, उन्नत भानु समान। मेरा सत संकल्प है, अमर तिरंगा शान।। . 🌞🌞🌞🌞 देश प्रेम सद् भावना, दुनिया में मशहूर। है पर्वत से हम अचल, प्रेम त्याग भरपूर।। . 🌞🌞🌞🌞 रखूँ तिरंगा सर्वदा, दुनिया में सिरमौर। मान तिरंगे का रहे, रखूँ नही हित और।। . 🌞🌞🌞🌞 भारत […]

आओ दोहा सीखलें,शारद माँ चितलाय। सीख छंद दोहा रचें,श्रेष्ठ सृजन हो जाय।। 💫 ग्यारह तेरह मात्रिका, दो चरणों में आय। चार चरण का छंद है,दोहा सुघड़ कहाय।। 💫 प्रथम तीसरे चरण में,तेरह मात्रा आय। दूजे चौथे में गिनो, ये ग्यारह रह जाय।। 💫 चौबिस मात्रिक छंद है,कुलअड़तालिस होय। सुन्दर दोहे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।