बहुत प्यारी है तेरी हंसी। जिस का में दीवाने हूँ। मुस्कराती हो हल्का सा तुम । फूल दिल में खिल जाते है।। कसम खुदा की क्या बनाया है। लगता है फुरसत में तुम्हें सजाया है। कुछ तो किया होगा तुमने ? तभी तो खुदा ने इतना सुंदर बनाया हैं।। बहुत […]

किया नहीं जीवन भर कोई काम। सोता रहा सुबह हो या शाम। न कि कभी भी किसी की चिंता। इसलिए कहलाये आलसी राम।। किये थे पूर्व जन्म में, अच्छे कर्म। तो मिल गया बड़े घर में   जन्म। इसलिए नही करते कोई कामधाम। फिर भी किये जा रहे है, बापदादा की […]

जीवन है अनमोल तो, क्या लगाओगे तुम मोल। बिकता है सब कुछ, पर मिलता नही जीवन। इसलिए संजय कहता है। क्यों व्यर्थ गामा रहे हो, यह मानव जीवन।। मिला है बहुत प्यार, अपनो से हमें यार। फिर क्यो किसी का, हम दिल दुखाये यहां। हंसी खुशी के संग, जीवन को […]

इंदौर । हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए  मातृभाषा उन्नयन संस्थान व हिन्दीग्राम द्वारा सम्पूर्ण राष्ट्र में जनसमर्थन अभियान संचालित किया जा रहा है, इसकी कड़ी में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन जी सोलंकी से इंदौर स्थित बजरंगदल कार्यालय में […]

माता पिता ने पैदा किया, पर दिया गुरु ने ज्ञान। लाड प्यार दिया दादा दादी ने। पर गुरु ने दिया अच्छे बुरा का ज्ञान। उठे हृदय में जब भी विकार। तब उन्हें गुरु ने कर दिया  शांत। तभी तो कहता हूँ मैं की, आचार्यश्री है इस युग के भगवान। गुरु […]

कुछ नया कुछ पुराना जमाना, हमें आज याद आ रहा है। कितने अच्छे और सच्चे लोग होते थे तब के। झूठ कर कोई बुलाये तो, सच्च में समाने होते थे। पर आज यदि सच में बुलाये, तो झूठकर भी नहीं आते हैं। कितना सब कुछ बदल दिया, लोगों के स्वार्थ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।