नहीं बिखरा कभी भी वक्त की इन आँधियों से मैं, मगर क्यूं तोड़ देती हैं तुम्हारी सिसकियाँ मुझको। जु़दाई के समय मैंने कहा था-याद मत करना, ख़बर फिर याद की क्यूं दे रही हैं हिचकियाँ मुझको। दिखाई मैं दिया तुमको वहाँ तक एकटक देखा, बताती हैं तुम्हारे साथ की कुछ […]