भरे नयन बरसता स्नेह ढ़ले जीवन।१ बहती धार ये नयन बेचैन उदासी ढूँढे।२ जिंदे नयन रखकर छवियाँ जीवन भर।३ खुशियाँ ढेर नयन देखकर रोती दिखती।४ गहरी बातें रखकर नयन ये मचलती ।५ प्रतियोगिता इत्तर प्रेम गहरा नयन रखकर बढ़ता रहे।१ राहें ताकती तरसते रहते नयन धरे।२ #नवीन कुमार भट्ट परिचय […]

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मैं हिंदी देश का वासी हूँ, पर अंग्रेजी भाषी हूँ! जब मद-महफ़िल में होता हूँ, डूड पुकारा जाता हूँ। आधी रात गए जब नाईट पार्टी से घर आता हूँ, सामने वाली खिड़की से चिरकुट पुकारा जाता हूँ। कभी फ़ेसबुक,कभी व्हाट्सएप, कभी यूट्यूब में फिरता हूँ, भोर पहर डॉगी को लेकर […]

  घूरन की आँखें खुली तो धान के दो बोरे गायब थे। दो दिनों की माथापच्ची,दलालों की चिचौरी और ठेकेदारों तथा खरीदारों की घिनौनी हरकत ने उसे इस कदर थका दिया कि रात बैठे-बैठे ही उनकी आँंखें लग गयीं। गोनर ने कब राजा सल्हेश का किस्सा खतम किया,उसे कुछ भी […]

मेरी साईकिल चली बाजार। करता दिल इसका आभार।। जब चाहो इसको ले जाओ। अपना जीवन सरस बनाओ।। कभी न प्रकृति दूषित करता। लिये सवारी आगे को बढ़ता।। दादा दादी बाजार जब जाते। साईकिल अपनें संग ले जाते।। सड़क न उखड़े जब ये आती। बिल्कुल कभी नहीं घबराती।। जब सड़कों पर […]

कहां राजपथों पर कुलांचे भरने वाले हाई प्रोफोइल राजनेता और कहां बाल विवाह की विभीषिका का शिकार बना बेबस – असहाय मासूम। दूर – दूर तक कोई तुलना ही नहीं। लेकिन यथार्थ की पथरीली जमीन दोनों को एक जगह ला खड़ी करती है।  80 के दशक तक जबरन बाल विवाह […]

जो शेष बच गया शून्य नहीं था ,प्यार था.. जीवन शान्त कोलाहल का एक ज्वार था दुख की सीमा सन्तापों में सुख के अप्रतिम प्रलापो में शब्दो से विचलित भावो में सकुचे सिमटे से बाहो में सुख का झीना संसार था जो शेष बचा गया शून्य नहीं था, प्यार था.. […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।