सम्पन्न और शिक्षित परिवार में जब रमेश के यहां पहली पुत्री का जन्म हुआ,तो पूरे कटुम्ब में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। ऐसा नहीं था कि,इस परिवार में पहले किसी कन्या का जन्म नहीं हुआ था,पर रमेश के घर जब कन्या ने जन्म लिया तो यह कहकर खुशियां मनाई गईं […]

देश में बाघों की लगातार कम होती संख्या सरकार और पशुप्रेमियों के लिए चिंता का विषय है। कभी लोगों के बीच अपनी दहाड़ से दहशत पैदा कर देने वाले बाघ आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। आज केवल बाघों की आठ में से पांच प्रजाति ही बची है। वर्ल्ड […]

अपने अच्छा होने से दुनिया अच्छी नहीं हो जाती, खुद के सच्चा होने से दुनिया सच्ची नहीं हो जाती। अच्छों के बीच अच्छा होने में क्या बड़ी बात है, सच्चों के बीच सच्चा होने में क्या खास बात है। बड़ी बात है बुरों के बीच अच्छा होना, खास है झूठों […]

मानव जीवन की सबसे बड़ी और अनदेखी पूंजी यदि कोई है तो वह है-हमारा स्वास्थ्यl अनदेखी इसलिए कहा,क्योंकि हम जब तक हम  बिस्तर न पकड़ लें या किसी रोग से गम्भीर रूप से ग्रसित न हो जाएं तब तक,कम-से-कम अपने स्वास्थ्य की चिंता तो नहीं ही करते हैं। हां,केवल अपने […]

हिंदी को प्रचलित तौर पर माथे की बिंदी कहा जाता है। जिस तरह सही बिंदी लगाने मात्र से नारी का व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है,ठीक उसी तरह हिंदी भाषा के शुद्ध प्रयोग से साहित्य और हमारे लेखन की महत्ता भी बढ़ जाती है,लेकिन आज देखने में यह आ रहा है […]

आस्था के नाम पर पाखंड,ढोंग और आडम्बर का खेल भारत में जारी है। एक ऐसा ही ढोंग का खेल रचने वाला तथाकथित बाबा फिर सुर्खियों में हैं। दिल्ली के रोहिणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय चलाने वाले तथाकथित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर उसी की शिष्या ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।