पिता गर्व है अभिमान है, नन्हे से बालक की पिता ही पहचान है। पिता कर्तव्य की मूर्ति है पिता रोटी है कपड़ा है मकान है। पिता का त्याग दधीचि सा पिता हमारे सुनहरे सपने की मचान है। पिता की आंखे सागर सा उमड़ता एक तूफान है पिता का कठोर सीना […]

पिता गर्व है अभिमान है, नन्हे से बालक की पिता ही पहचान है। पिता कर्तव्य की मूर्ति है पिता रोटी है कपड़ा है मकान है। पिता का त्याग दधीचि सा पिता हमारे सुनहरे सपने की मचान है। पिता की आंखे सागर सा उमड़ता एक तूफान है पिता का कठोर सीना […]

जला सूरत तस्वीर थी बदसूरत प्रशासन था मौन कैसी ये फितरत झुलस गए मासूम  मां उसको निहार रही, हड्डी के ढांचों में ममता निढाल विलाप रही। आग बुझी इमारत की दिल की आग कौन बुझायेगा क्या सिर्फ मुआवजों से मरहम लग पायेगा। सुविधा विहीन इमारत पर कोचिंग का गोरख धंधा […]

सिसकता बचपन गिद्धों के झुंड में नोचते मांस पैशाचिक मंडियों में खबर नहीं खबरनवीसों को निकलेंगे कैंडल शहरी नहीं घटना घटी जो झुग्गी बस्ती में सरोकार उनसे है नहीं।। तौलते सम्मान इनका सियासत की तराजू में, घुटती मसलती कलियां आवाज गुम रुलाई में।। शर्मसार बाज़ार घूमते सियार घूरती हैवानियत जिल्लत […]

लो हो गयी छुट्टियां गर्मियों की मन में जगी आस अपनों से मिलने उत्सुक है होगी मीठी बात कुछ शादियों में जायेंगे जमकर धूम मचाएंगे बच्चे नाना नानी को नाको चने चबाएंगे दादा दादी से मिलकर सुनेंगे नई कहानी टीवी होगा अपना बेट बल्ला  होगा जानी नही घूरेंगे मम्मी पापा […]

तनिक नही भयभीत मैं अविचल खड़ा अटल हूं। न हार में न जीत में मैं सत्य पथ पर प्रशस्थ हूं। नही बदले मेरे विचार नही मांगा कुछ अधिकार अपने संस्कार पर आबद्ध हूं अटल अविचल अडिग हूं सम्मान देश का मुझे चाहिए जननी धरा का अभिमान मुझको चाहिए। मिट्टी से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।