मातृदिवस के शुभ अवसर पर, बोल उठी बिटिया रानी। हे माते! तुम बेटी बन जा और बनूँ मैं मातु सयानी।। तुम जाकर बाहर खेलो माँ, जैसे रोज खेलती मैं। बापू से पहले आ जाना, रोटी आज बेलती मैं।। सही तरह से बेटी बनना, नाक हमारी कटे नहीं। सभी बड़ों की […]

क्यूँ आज मानव बारूद की बन गया है भयानक ढेरी कर्त्तव्य भूल कर। है आज सबसे भयानक सारे विश्व में चर्चा का विषय आतंक की बीमारी। क्या तुम्हें पता है प्रदूषण पैदा करता असंख्य बीमारी मानव जीवन मेंहाँ। सद विचार इंसान को मंजिल पर पहुँचा देता है अपनाकर देखो। #अशोक […]

स्वच्छता अभियान जैसे प्रतिष्ठित स्वनामधन्य को हम जैसे दे ठेठ देहाती लोग सफाई के नाम से गुहराते हैं। हमें सदियों से गंदगी फैलाने की आदत विरासत में मिली है इसीलिए सफाई का हो- हल्ला भी मचाना ही पड़ता है। शासन – प्रशासन के सक्षम मुखिया से नाता जोड़ने का सबसे […]

हे देश के नीति – नियंताओं  । जिम्मेदार पदों पर आसीन नेताओं व अफसरों … आप सचमुच महान हो। जनसेवा में आप रात – दिन व्यस्त रहते हैं। इतना ज्यादा कि आप शूगर , प्रेशर , थाइराइड आदि से परेशान रहते हैं। आप देश के खेवैया हो। राष्ट्र की यह […]

जाति धर्म का नारा देकर, जनता को उलझाते क्यों हो। मानवता को ठुकराकर, दो दिलों को मुरझाते क्यों हो। राजनीति का भडुवा बनकर, इस देश में नाच रहे हो, खड़ा कर  दिया मुद्दा तो, फिर सामने झुझलाते क्यों हो॥ तूने तो परेशानी का सबब, कुछ दिनों में देख लिया। बना […]

वरिष्ठ अधिकारी  नवनियुक्त सिपाही से कहता है आज  आपको सी० आर० लेकर दिल्ली जाना है। सिपाही -श्रीमान जी, क्या मुझे अकेले जाना है वहाँ ?   अधिकारी -“हाँ अकेले जाना है तुम्हे ।” सिपाही  -नहीं ;  श्रीमान जी मैं सी०आर० लेकर नहीं जाऊँगा। वरिष्ठ अधिकारी-“आप अभी भर्ती होकर आए हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।