इबादत वतन की सभी हम करेंगे, शहादत करें तो नहीं गम करेंगे। वतन वास्ते जान जाए भले ही, कि आँखें कभी हम नहीं नम करेंगे। सुनो यार अपने वतन की कहानी, मेरे दुश्मनों की नाक में दम करेंगे। हमारे इरादे अगर नेक हैं तो, करें आचमन गंग जमजम करेंगे। अमरनाथ […]

ये बारिश तन गीला कर दे, ये बारिश मन गीला कर दे| जम के बरस रही है बारिश, जैसे रग-रग गीला कर दे||   सब कुछ गीला–गीला कर दे, आसमान को नीला कर दे| दादुर भी अब सरगम गाएं, सब कुछ शीतल–शीतल कर दे||   गर्मी को झट विदा ये […]

वह पैदा होगा निश्चित ही, जिसको पैदा होना होगा। पर नफरत बोने वाले को, हर हालत में रोना होगा। सद्भाव-प्रेम का बीज कभी, इस धरती पर बोकर देखो- भारत की ऐसी माटी है, बंजर में भी सोना होगा॥                         […]

तेरी नजर-सा एक मैकदां  चाहिए, जिंदगी में तुझसा ही नशा चाहिए॥ कत्ल हो जाते तेरी एक नजर से, जिंदगी भर साथ मय-सा चाहिए॥ नहीं किसी मंजिल की तलाश मुझे, हर कदम हमसफर तुझसा चाहिए॥ हसरतें हो जाएंगी पूरी सारी अब, ‘मनी’ को सनम आसरा चाहिए॥ रहनुमा बन गए अब तुम […]

जोश में भी,होश है,जयकार वंदेमातरम्, धूल दुश्मन को चटा,प्रतिकार वंदेमातरम्। पाक की नापाक हरकत,हम सहेंगे अब नहीं, तोप गोलों से,ग़ज़ब की मार वंदेमातरम्। अब युवा भारत नहीं,लाचार वंदेमातरम्, चाइना  को  दें  मिटा,संहार वंदेमातरम्। अब न सन् बाँसठ कभी,फिर से दुबारा भूल जा, बम,मिसाइल,तोप की,बौछार वंदेमातरम्। शाम सुबहो घंटियाँ,घनकार वंदेमातरम्, चाइना […]

बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है हमारे देश के सभी प्रांतों में पुलिस की। हमारे यहां पुलिस वालों को नेताओं ने अपने स्वार्थ साधने का साधन बना लिया है। मामला चाहे कोई भी हो,प्रशासन वही करता है जिसमें नेताजी का हित निहित हित हो। अन्यथा की स्थिति में पुलिस वाले को इन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।