गुजर गया एक और साल। पहले बहुत कुछ होता था एक साल में। एक साल कई साल में आता था। अब तो जैसे महीने महीने बदलता है साल। त्योहार एक के बाद एक दरवाजे के सामने से गुजर जाते हैं। गोल घूमते खिलौने की तरह। न वे रुकते हैं मेरे […]
मैं जब अस्तित्व में आया तो जैविक प्राणी था, हिंदी भाषा ने विभिन्न चरणों में परिष्कृत करके व्यक्तित्व युक्त किया। किसी व्यक्ति की पहचान में उसकी भाषा अहम होती है जो सम्प्रेषण द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को जोड़ती है। देवभाषा संस्कृत आचार्यों के गुरुकुलों से बाहर निकलते समय […]
एक सेठ ने एक लड़के को इस शर्त पर नौकर रख लिया कि यदि आपने ईमानदारी से काम किया तो 1000 रुपये महीना वेतन मिलेगा। यदि ईमानदारी से काम नहीं किया तो दस दिन के बाद बिना कोई वेतन दिये यहाँ से भगा दिये जाओगे। लड़के ने बड़ी ईमानदारी से […]
तेरे साथ रहना मुझे इनकार नहीं था बेवफा निकली तू,तुम्हें मुझसे प्यार नहीं था खोकर मुझे,तुम्हें भी जीना आसान नहीं होगा मेरे सिवा तेरा भी कोई अरमान नहीं होगा अब दिल के दर्द से मुझे बीमार मत करना निर्दोष हूँ मैं,मुझे गुनहगार मत करना इस टूटते रिश्ते को अब,तुम्हें ही […]
देखो दादी, देखो नानी रंग बिरंगी तितली रानी। सबको लगती बड़ी सयानी जगह जगह का पीती पानी। तितली रानी , तितली रानी अमन चैन से रहती रानी। हरकत करती वो मस्तानी फूल फूल पर जाती रानी। तितली रानी , तितली रानी हार कभी ना तुमने मानी। फूल देख इठलाती तितली […]
अब जनता जाग चुकी है नेता सो गए। क्योंकि नेता अपने पुराने वादों को धो गए।। जनता मांग रही है 5 साल का हिसाब नेता से। और नेता कर रहे हैं 5 साल के वादे जनता से।। राजनीति बंद करो सैनिक के अपमान की। करनी है तो बात करो जनता […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।